Wednesday, November 9, 2011

इन्डोनेपाल महिला बालसाहित्यकार समेलन समपन्न


प्रेस विज्ञप्ति
        इन्डोनेपाल महिला बालसाहित्यकार समेलन समपन्न
      खटीमा (उ०ख०)- उत्तराखण्ड के खटीमा नगर में विगत 06 नवम्बर,2011 को स्थानीय पेपर
मिल खटीमा फाइबर्स के सभाकक्ष में भारत का प्रथम इण्डो-नेपाल महिला बाल साहित्य-
कार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह्- 2011 अत्यन्त सफलता पूर्वक समपन्न हुआ |
     सम्मेलन के पूर्वाध उदघाट्न समारोह का प्रारम्भ खटीमा के प्रख्यात कृषिविद एंव बाल
कल्याण संस्थान के अध्यक्ष आनन्द प्रकाश रस्तोगी की अध्यक्षता और मुख्य अतिथि सी एम डी
खटीमा फाइबर्स लि० राकेश चन्द्र रस्तोगी तथा प्रख्यात साहित्यकार नासिरा शर्मा,डा.राम
प्रकाश शर्मा,डा.रामनिवास मानव,डा.सुरेशउजाला,डा.हरिसिंहपाल ,राजीवसक्सेना,बा.क.सं.के महामन्त्री
डा.राज सक्सेना तथा  दधीचि बालसाहित्यकार विनोद चन्द्र पाण्डेय पूर्व आई ए एस
निदेशक हिन्दी संस्थान उ०प्र० की सहभागिता एंव सुकीर्ति भटनागर(पंजाब),डा.महाश्वेता चतुर्वेदी
,स्नेहलता(उ०प्र), प्रीति प्रवीण खरे(म०प्र),डा.के श्री लता(केरल),पुष्पा पाल (नईदिल्ली),सुरेखा शर्मा
(हरियाणा),उषा अग्रवाल (महाराष्ट्र्),विनीता जोशी,अर्चना रानी वालिया (उत्तराखणड) तथा नेपाल से
सहभागिता कर रहे बीर बहादुर चन्द,हरीश प्रसाद जोशी, राजेन्द्र सिंह राबल,रमेश चन्द्र पन्त,लक्ष्मी
प्रसाद भट्ट,चन्द्र कला पन्त,वाल कुमारी हमाल,पुष्पा जोशी और गोमती जोशी के सानिध्य में
 सम्पन्न हुआ |
                उक्त समस्त सरस्वती पुत्रों द्वारा डा.लता जोशी के आकर्षक संचालन में सरस्वती मां
के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि के उपरान्त सरस्वती वन्दना उत्तराखण्ड संगीत महा-
विद्यालय की बच्चियों द्वारा की गई | अपने उदबोधन में संस्था के महामन्त्री डा.राज सक्सेना
ने वर्ष 2006 में किये गये प्रथम बाल साहित्यकार सम्मेलन से लेकर अबतक की संस्थान की
गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए इसे भारत ही नहीं विश्व का प्रथम इण्डो-नेपाल महिला बाल
साहित्यकार सम्मेलन बताया  |
       इसके तुरन्त पश्चात स्व.कमल रस्तोगी समग्र बाल साहित्य शिरोमणि सम्मान-
2011(सम्मान राशि-11 हजार रु०)श्री विनोद पाण्डेय पूर्व निदेशक हिन्दी संस्थान उ.प्र.,
स्व०दुर्गा वती महिला बाल साहित्यकार शिरोमणि सम्मान-2011(सम्मान राशि-5001/-
 रु०प्रत्येक)क्रमशः सुप्रसिध महिला साहित्यकार नासिरा शर्मा एंव सुकीर्ति भटनागर
 को प्रदान किया गया |
                अपने उदबोधन में डा.हरिसिंह पाल ने महिला बाल साहित्यकार सम्मेलन की
परिकल्पना की सराहना करते हुये इसके महत्व पर बल दिया तथा निरन्तरता को आव-
श्यक बताया | उन्होंने शोधकेन्द्र के लिये ढाई हजार की पुस्तकें भी प्रदान कीं |
        राजीव सक्सेना ने अपने भाषण में कहा कि उन्हें खटीमा कार्यक्रम का सदैव
इंत्जार रहता है | बच्चों के लिये यह बहुत आवश्यक है कि महिलाएं बच्चों के लिये उस
भाव से लिखें जिस भाव से वे अपने बच्चों के बारे मे सोचती हैं |
        नेपाल से पधारे महाकालि साहित्य संगम भीमदत्त नगर के अध्यक्ष वीर बहादुर
चदं एवं राजेन्द्र सिहं रावल ने भी प्रयास को अनूठा बताते हुए इसकी पुनरावृति पर बल
दिया |
        डा.सुरेश उजाला सम्पादक उत्तर प्रदेश मासिक ने भी इसे अभिनव प्रयोग की
संज्ञा देते हुये इसकी निरन्तरता  को आवश्यक बताया | उन्होंने पिच्चानवे वर्षीय युवा
 अध्यक्ष को प्रेरणा श्रोत बताते हुये अपने हर सहयोग की वांछना की |
        डा.रामनिवास मानव द्वारा खटीमा को बाल साहित्य की पांचवी पीठ बताते हुये
इस महिला साहित्यकार सम्मेलन की उपयोगिता को मील का पत्थर बताया |चार पांच
साल में पुनः इसकी आवश्यकता की ज्ररुरत बताई |
        डा.राम प्रकाश शर्मा सदस्य हिन्दी सलाहकार समिति मानव संसाधन मंत्रालय
ने इस कार्यक्रम को दो देशों का मैत्री पर्व बताते हुये एक अनूठा और अविस्मरणीय प्रयास
बताया  उन्होंने 15 अगस्त और 26 जनवरी को बाल साहित्यकारों को भी सम्मानित करने
का प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया | उन्होंने हिन्दी का हाजमा सही बताते -
हुए अन्य भाषाओं के शब्दों को भी हिन्दी द्वारा पचा लेने की सराहना की |
       मुख्य अतिथि राकेश चन्द्र रस्तोगी ने कार्यक्रम को आवश्यक बताते हुये इसे और
व्यापकता प्रदान करने में अपने सहयोग की आवश्यकता होने पर तुरन्त सहयोग का आश्वा-
सन दिया | उन्होंने सुदूर से पधारने पर सबका धन्यवाद भी दिया |
       अपने अध्यक्षीय भाषण में आनन्द प्रकाश रस्तोगी ने गालिब को उद्धृत करते हुए
खटीमा जैसी शुष्क धरती को साहित्यिक नगरी बनाने में अपने योगदान की चर्चा की, खटीमा
में बाल साहित्य की महिला विभूतियों का हार्दिक स्वागत करते हुये उन्होंने इसकी निरन्तरता
का वादा किया |इस सत्र का मंच संचालन डा.राज सक्सेना महामंत्री बाल कल्याण संस्थान ने
किया |
       द्वितीय सत्र चर्चा सत्र था | मंच पर केवल महिला बाल साहित्यकार थीं |अध्यक्ष
के रूप में उत्तराखण्ड की श्रेष्ठ बाल साहित्यकार के रूप में ख्याति प्राप्त उत्तराखण्ड भाषा संस्थान
 की निदेशक डा.सविता मोहन,मुख्य अतिथि नासिरा शर्मा,मुख्य वक्ता डा.महाश्वेता चतुर्वेदी,
विषय प्रवर्तक स्नेह लता उ०प्र०, अतिविशिष्ठ अतिथि डा.के श्री लता (केरल),सुकीर्ति भटनागर
पंजाब्,प्रीति प्रवीण खरे मध्य प्रदेश,पुष्पा पाल नई दिल्ली,सुरेखा शर्मा हरियाणा,
विनीता जोशी,अर्चना रानी वालिया उत्तराखण्ड तथा नेपाल से पधारी चन्द्र कला पन्त,पुष्पा
जोशी,मीना पन्त तथा गोमती जोशी थीं  तथा युवामहिला बाल साहित्यकार महाराष्ट्र से पधारी
 ट्विंकल अग्रवाल ने भी कार्य-क्रम की शोभा बढाई |
              अपने-अपने उदबोधन में सभी ने इस प्रकार के महिला बालसाहित्यकार सम्मेलन
की पुनरावृति की सख्त जरुरत बताते हुये इसकी सार्थक उपयोगिता पर प्रकाश डाला | सब
ने एक मत से खटीमा में होने वाले कार्यक्रमों के स्तर तथा व्यवस्था की प्रशंसा भी की स्नेह
लता ने बिषय का प्रवर्तन करते हुये बाल साहित्य में महिलाओं की सार्थक भूमिका पर प्र-
काश डाला |उषा अग्रवाल ने महाराष्ट्र में सीमित हिन्दी बाल महिला साहित्यकारों का ज्ञान
कराते हुये महाराष्ट्र में महिला बालसाहित्यकारों के योगदान पर प्रकाश डाला |
      पुष्पा पाल ने दिल्ली की महिला बाल साहित्यकारों की समीक्षा प्रस्तुत की |
      विनीता जोशी और अर्चना वालिया ने उत्तरा खण्ड की पावन भूमि पर सीमित सा-
धन होते हुए भी समृद्ध बाल साहित्य की जानकारी दी |
      प्रीति प्रवीण खरे ने राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में म.प्र. की महिला बाल साहित्यकारों के
योगदान की गहन समीक्षा प्रस्तुत की |
      सुकीर्ति भट्नागर ने पंजाब प्रदेश की महिला बा.सा. के योगदान की चर्चा की |
मुख्य वक्ता डा.महाश्वेता चतुर्वेदी ने भारत के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत विवेचना का प्रस्तुति-
करण किया |
      मुख्य अतिथि नासिरा शर्मा ने अपने उदबोधन में समग्र साहित्य के परिप्रेक्ष्य में
बाल साहित्य में महिला बाल साहित्यकारों की सार्थक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बाल
साहित्य की उपयोगिता तथा बाल मनोविज्ञान पर मार्ग दर्शन दिया  |
      अंत में डा.सविता मोहन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्व,राष्ट्र और प्रदेशों के
संदर्भ में सारगर्भित योगदान जो महिला बाल साहित्यकारों द्वारा बाल साहित्य में किया जा
रहा है उसकी तथ्यपूर्ण विवेचना की | उन्होंने बाल साहित्य के उन्नयन के परिप्रेक्ष मे भी
अपने सुझाव रखते हुए अपने स्तर से भरसक सहायता का आश्वासन भी दिया |
             कार्यक्रम का उत्तरार्ध अनेक कठिनाइयां उठाकर इस सम्मेलन में पधारी महिलाबाल-
साहित्यकारों को महिला बाल साहित्य रत्न से सम्मानित कर सम्पन्न किया गया |
       अतं में खटीमा नगर पालिका के चौदह वर्ष अध्यक्ष रहे स्व्० डा.के.डी.पाण्डेय
 को प्रतिवर्ष दिया जाने वाला श्रेष्ठ नागरिक शिरोमणि-2011 सम्मान उनके सुपुत्र
दिनेश पाण्डेय के माध्यम से दिया गया |
       अगले दिन नेपाली बाल साहित्यकारों ने दिनांक 07/11/11को नेपाल के भीमदत्त -
नगर (महेन्द्र नगर)के पांच सितारा होटल ओपेरा में डा.रामनिवास मानव,डा.सुरेश उजाला,
डा.राज सक्सेना,डा. हरि सिंह पाल, पुष्पा पाल, उषा अग्रवाल,स्नेह लता तथा सुरेखा -
शर्मा का नागरिक अभिनन्दन कर प्रीतिभोज दिया |



                                      (ममता सक्सेना)
                           सम्पादक प्रकाशक भारतीय नगर निकाय् पत्रिका,
                                      खटीमा-२६२३०८(उ०ख०)

     

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