Monday, August 29, 2011

तीन अन्ना ह्ज़ारे


       तीन अन्ना ह्ज़ारे
       मज़े की बात इस आन्दोलन मे यह
रही कि इस आन्दोलन को तोड़ने के वे सारे
नुस्खे आज़माये गये जिसके लिये कांग्रेस की
टीम कुख्यात है | अन्ना आन्दोलन को कभी
भगवा संरक्षण प्राप्त बता कर मुस्लिम समाज
को इससे अलग करने की कोशिश हुई तो -
कभी दलित विरोधी बताकर दलितवर्ग से का-
टने का प्रयास ,मगर अन्ना टीम के सिपह -
सालार मानों हर वार की तैयारी के साथ रण-
भूमि में उतरे थे | हर वार की काट के -
साथ | आमिर खान की रोज़ाना होने वाली
अफ्तारी में शिर्कत और अन्शन तोड़्ने के लिये
इकरा और सिमरन का चयन अन्त में भी
इस दुष्प्रचार की हवा निकाल गया |उन सां-
सदों की भी बोलती अन्ना टीम के इस मैने-
जमेंट से धड़ाम हो गई |कांग्रेस ने मुस्लिम
धर्मगुरूओं को अपने प्रभाव में ले लेने की -
पहल के चलते 'वन्दे मातरम'के बहाने भाग
न लेने के फतवे के बावजूद काफी बड़ी संख्या
में भाग लेकर भारतीय जनता को स्पष्ट संकेत
दे दिया कि मुस्लिम अब किसी तथाकथित का
बंधुआ बनने को तैयार नहीं है | उधर टीम -
अन्ना ने भी कुछ राष्ट्र भक्त मुस्लिम नेताओं
को तैयार कर रखा था | उन्होंने तुरन्त फ्तवे
खारिज कर दिये अथवा उनके औचित्य पर ही
प्रश्न चिन्ह लगा दिये |भारी संख्या में मुस्लिम
भागीदारी आन्दोलन में होना इसका प्रमाण है |
यह भी इस आन्दोलन की देन है कि लोगों ने
धर्म,क्षेत्रवाद,जातिवाद और वर्गवाद से ऊपर -
उठकर सोचने की शुरुआत की |
      इस देश के प्रजान्त्र की बार-बार दुहाई
देने और संसद की गरिमा की बात करने वालों
का प्रजातन्त्र तो देखिये क्षेत्र का अदना सा पु-
लिस कमिश्नर जन आन्दोलन की अनुमति देता
है,उसकी अवधि तै करता है, उसमे भाग लेने
वालों द्वारा क्या बोला जायेगा यह भी तै करना
उसी का विवेक है? वह भी शान्तिव्यवस्था के
नाम पर | क्या बिडम्बना है?
      इसके अतिरिक्त जे पी द्वारा दिये गये
'राइट टू रिकाल्'पर सार्थक बह्स कर उसे -
पुनर्जन्म देना भी इस आन्दॉलन के माध्यम
से अन्ना की सौगात है |
      सही बात तो यह है कि केन्द्र सर-
कार ने जनता को पुलिस के माध्यम से जो
मूक-बधिर बनाने का षड़यन्त्र रचा था उस-
में अन्ना ने पलीता लगा कर जनता को एक
नई सोच और विरोध प्रकट करने की आवाज
दी है  नेता को उसकी असली जगह और -
जनता को अपनी सही जगह बैठने का स्थान -
बताया है |
      वस्तुतः अन्ना ने गांधीगीरी से हक
हासिल करने का अमोघ अस्त्र जनता के हाथ में
थमा दिया है | जिसकी कोई सटीक काट -
वर्तमान सरकार के पास फिलहाल तो नही है |

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