Wednesday, August 31, 2011

सम्पादकीय


       सम्पादकीय
प्रिय पाठकगण,
         वर्ष २०११ की अन्तिम तिमाही में
आपका हार्दिक स्वागत है | कुछ लम्बे अन्त-
राल के बाद भारतीय नगर निकाय पत्रिका  का
पुनर्प्रकाशन एक सुखद संयोग का सद्परिणाम
है |
        कई मित्रों का आग्रह था कि स्था-
नीय निकाय क्षेत्र में अपनी एक विशेष समर्पि-
त पत्रिका का अभाव उन्हें खल रहा है | कई
लोगों से बात हुई | सहयोग का आश्वासन -
भी मिला कुछ साहस बंधा | पूर्व में दो बार
पत्रिका बन्द हुई | एक बार साठ हजार का
घाटा उठा कर और एक बार एक लाख से कु-
छ अधिक का घाटा उठा कर | साहित्य और
पत्रकारिता का कीड़ा कुलबुलाता जरुर है | -
एक बार और खतरा उठाने का मन बना एक्
निश्चित धनराशि एक ओर रखी और मन -
बना लिया |
        इस बार यह निर्णय लिया कि अब
एक बीच का रास्ता निकाला जाय | भारतीय
नगर निकाय पत्रिका को त्रैमासिक के रुप में -
निकाला जाय ताकि तार्तम्य भी बना रहे और
निरन्तरता भी |
       अस्तु पत्रिका का प्रथम त्रैमासिक
अंक आपकी सेवा में अर्पित है |
       यह पत्रिका उत्तराखण्ड की स्थानीय
निकायों का मुख पत्र बने | उनकी समस्याओं
को शासन के सम्मुख रखे | शासन की नी-
तियों का विस्तृत प्रचार -प्रसार करे | दोनो
के बीच एक सेतु सा काम करे यही हमारा -
प्रयास रहेगा | हमार उद्देश्य मात्र यही है कि
जिन नगर पालिकाओं ने हमें मां बनकर पा-
ला है अब उनकी जीर्ण-शीर्णता खत्म करने
में अगर हम सहायक सिद्ध हो सकते हैं तो
हमारा इन मांओं के प्रति कुछ प्रतिपूर्ति का
अंश-मात्र ही सही कुछ तो हो |
        इस बार से हम कुछ अपने-
अपने समय के प्रकाण्ड अधिशासी अधिका-
रियों और अध्यक्ष/सदस्यों के साक्षात्कार भी
प्रकाशित करने का प्रयास करेंगे | ताकि -
उनके अनुभव अगर हमें मार्गदर्शन दे सकें
तो उनसे हम लाभ उठा सकें |
         मात्र पालिकाओं का विवरण
बोरियत पैदा न करे इस लिये हम आधा
अंक साहित्य और साहित्यिक गतिविधियों
को सम्मिलित कर रहे है | ताकि विवि-
धता बनी रहे ऊब न पैदा हो |
         प्रयास कैसा रहा यह तो आप
ही बता पायेंगे  | आपके पत्र हमें मार्ग-
दर्शन देंगे ,प्रेरित करेंगे यह हमारी सोच है |
         कर्मचारियो की समस्याओं और
एक दूसरे से समन्वय का माध्यम पत्रिका
बन सके यही हमारा परम लक्ष्य रहेगा |
कर्मचारी किसी सेवा के प्राण होते हैं वह -
सशक्त बने यह हमारा साध्य रहेगा |
          कहने को तो बहुत कुछ है म-
गर पंक्तियों और पृष्टों की सीमायें हैं |
          इस अंक का अवलोकन करिये
अच्छा - बुरा जैसा भी लगे हमारा मार्गदर्शन
करिये पत्रिका का उद्देश्य पालिका जनप्रतिनि-
धियों,पालिका अधिकारियों,पालिका कर्मचारि-
यों और क्षेत्रीय जनता के हितों की रक्षा क-
रना है |
          आशा ही नहीं अपितु पूर्ण -
विश्वास है कि आप हमारे सहायक और मित्र
स्वरूप हमारा मार्गदर्शन करेंगे |
           आपका अपना
                      (राज सक्सेना)

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