दूर से देखें, तो लगता है समन्दर में सुकूं,
पास जाकर देखिए,वो किस कदर बेचैन है |
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कौन कहता है समन्दर में,सुकूं है, चैन है,
देखिए नजदीक जाकर,हद तलक बेचैन है |
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हों इरादे जब अटल तब राह को कया देखना,
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे,रास्ते बन जाएंगे |
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पर्वतों से हौंसले लेकर चलेंगे हम अगर,
रास्ता देगा समन्दर,आसमां बिछ जाएगा |
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